Sunday, March 1, 2020

हर घंटे एक आत्महत्या की जिम्मेदार - बेरोजगारी

NCRB (National Crime Records Bureau) के ताजा आंकड़ों के अनुसार 2018 में देश में बेरोजगारी के कारण हर घंटे 1 आत्महत्या हुई। यानि बेरोजगारी अब युवाओं के दिमाग पर हावी हो रही है, और उन्हें मानसिक रूप से परेशान कर रही है।





अब मुद्दा यह है कि क्या सिर्फ बेरोजगारी से परेशानी हावी हो रही है या फिर घरवालों और जान पहचान वालो के तानों से ज्यादा परेशानी है।

आज कल बच्चों पर कॉलेज खत्म होते ही जॉब के लिए घर से इतना प्रेशर आने लगता है कि काफी लोग सही जॉब फील्ड का डिसिशन नही ले पाते है और ज्यादा सक्सेस नही हो पाते हैं।

इसलिये घर वालो को भी अपने बच्चों को इतना प्रेशर नही डालना चाहिए। उन्हें थोड़ा टाइम देना चाहिए। और अगर वो सक्सेस न भी हो पाए तो उन्हें होपलेस न कर उन्हें आगे के लिए प्रेरित करना चाहिए। जरूरी नही कि हर कोई सरकारी जॉब पा सके या फिर अच्छी सैलरी की प्राइवेट जॉब पा सके।

टाइम अब चेंज हो रहा है और साथ ही सरकारी जॉब कम हो रही है और प्राइवेट सेक्टर बढ़ रहा है। सैलरी कम है पर शुरुवात सही हो तो आगे कई मौके मिलेंगे।

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