Sunday, June 14, 2020

अलविदा सुशांत - हिम्मत नहीं हारनी चाहिए...

आज जब सुशांत सिंह राजपूत (बॉलीवुड एक्टर) के सुसाइड की न्यूज़ सोशल मीडिया में देखी तो एक बार तो ये फेक न्यूज़ लगी, इसलिए फटाफट न्यूज़ में देखा और ये सच निकला कि इस युवा एक्टर ने 34 साल की उम्र में आत्महत्या कर ली है... ये सच में बहुत ही चोंका देने वाली खबर थी... इसलिए नहीं कि मैं इनका फेन हूँ पर शायद इसलिए कि जिस तरह से इनकी मूवी आ रही थी, लाइफ नार्मल चल रही थी, कोई बीमारी की खबर नहीं, हमे लगा ये खुश है, पर कहते हैं न हर खुश दिखने वाले के मन में बहुत सी बातें चल रही होती है, जो हमेशा हँसता रहता है वो ही अन्दर से सबसे ज्यादा दुखी होता है... शायद ये बात इन पर भी लागू हो गई...


वेसे मैं ऐसे मोकों पर बस उनके लिए प्रार्थना कर उनकी आत्मा को शान्ति मिले इसी की कामना करता हूँ पर एक युवा एक्टर का सुसाइड करना मेरी समझ से परे है... मानता हूँ कि 2020 साल बहुत ही बुरा गुजर रहा है, चाहे कोरोना महामारी हो या फिर इरफ़ान खान, ऋषि कपूर जैसे बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता इसी साल हमसे दूर चले गये... पर मालूम ना था कि अभी इस साल और भी बुरा होना बाकि है...


आजकल ही लाइफ में हमे सब कुछ मिल रहा है पर किसी अपने का साथ मिल पाना बहुत मुश्किल हो गया है... डिप्रेशन के कारन बहुत से लोगों को सुसाइड ही आखिरी मोका नजर आता है, पर ऐसा नहीं है, ऊपर वाले ने हमे इतने सारे रिश्ते यूँ ही नहीं दिए है, अगर रिश्तों में कडवाहट है तो दोस्त किस दिन काम आएंगे... हमे अपने दिल की बात किसी न किसी के साथ जरुर शेयर करनी चाहिए...

आज कल हम भीड़ में हो कर भी अकेले हैं... दुनिया भर की टेंशन में हमे लगता है बहुत से मोकों पर हार मानने का मन करता है, पर फिर लगता है कि बड़ी मुश्किल से ये लाइफ मिली है इसे जी भर के जीना जरुरी है, चाहे कितनी भी वाट लग जाये पर जो दुबारा से कोशिश करने का मजा है वो यक़ीनन सुसाइड से अच्छा ही है...

हम जब सुसाइड जैसे कदम को उठाने की सोचते हैं तो हम अपने परिवार को क्यूँ भूल जाते है, क्या बीतेगी उन पर... ये सब कैसे सह सकेंगे हम ये भूल जाते है... क्या हमारा गम उनके इस गम से जायदा हो सकता है... हम अपने टेंशन को ख़तम करने के चक्कर में उनकी पूरी जिन्दगी बर्बाद और गम से भर देते हैं, क्युकी वो तो सुसाइड नहीं करेंगे न, उन्हें तो इसी गम के साथ पूरी जिन्दगी जीनी है...

तो जाते जाते मैं सभी से ये ही कहता चाहता हूँ कि इसे ख्याल मुझे भी आते है, मैं भी हार मान ना चाहता हूँ, पर नहीं मुझे अब बार बार हारने और फिर उठ खड़े होने में जयादा मजा आने लगा है.... और अपना गम भुला कर अपने सभी परिवारवालों और दोस्तों के साथ कुछ अच्छे पल बिताने में मजा आता है... अपना ख्याल रखिये और उस से जायदा अपनों का ख्याल रखिये...

भगवान् आपकी आत्मा को शांति दे.... ॐ शांति...


ये भी एक सयोंग ही है...



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