आज का दिन भी घर पर गुजर गया पर लोगों की बेचैनी बढ़ रही है। लोग पैनिक हो रहे है, घबरा रहे है, सामान खरीद कर स्टोर कर रहे है। कुछ जगहों पर कर्फ्यू के खिलाफ पुलिस से झगड़ रहे हैं। पर अधिकतर लोग सरकार के साथ है, पुलिस के साथ है।
आज हिन्दू नव वर्ष (Hindu New Year) चैत्र मास और नवरात्रों की शुभकामनाएं। माँ भगवती हम सब पर और पूरी दुनिया पर कृपा दृष्टि बनाये रखें।
जहां तक मेरा सवाल है, मैं काफी समय से लोगों से दूर ही रहता हूं, मैं क्या आजकल के सभी लोग अब सब से कट कर अकेले रहना पसंद करते है। अपने फ़ोन में घुसे रहते हैं। सोशल मीडिया में बिजी। बाहरी दुनिया से अलग थलग।
वेसे देखा जाए ये आपदा एक तरह से भगवान या फिर प्रकृति द्वारा हमे एक तरह की चेतावनी है कि हम किस तरह से प्रकृति का दोहन कर रहे है, उसे नष्ट कर रहे हैं। बेरोक टोक प्रदूषण फैल रहा है। जानवरो और समुद्री जीव का असीमित शिकार हो रहा है। पूरा इको सिस्टम बिगड़ गया है। अब उसे सही करने के लिए प्रकृति को खुद कुछ करना पड़ा।
कहते है प्रकृति दुनिया में बैलेंस बनाने के लिए ऐसे कदम उठाती रहती है। और इस सदी का वो समय आ गया है। इसलिए अगर हम अभी भी न समझे और न संभले तो प्रकृति के पास और भी प्लान हो सकते हैं हमारी अक्ल ठिकाने लगाने और ये समझाने को की इंसान अपने आप को सब से महान समझने की भूल न करे।
इसलिए सरकार और प्रशासन के आदेशों का पालन करे। घर पर रहे जरूरी हो तो तय समय पर घर के जरूरी सामान ले और इमरजेंसी में सरकार के दिये नंबर से संपर्क करें। सरकार हम सब के साथ है।
स्वस्थ रहे, सुरक्षित रहे। अपने खान पान पर ध्यान दे। अदरक का काढ़ा या फिर गिलोय का पानी पी कर अपने इम्यून सिस्टम (रोगों से लड़ने की शक्ति) को मजबूत करें।
आज हिन्दू नव वर्ष (Hindu New Year) चैत्र मास और नवरात्रों की शुभकामनाएं। माँ भगवती हम सब पर और पूरी दुनिया पर कृपा दृष्टि बनाये रखें।
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जहां तक मेरा सवाल है, मैं काफी समय से लोगों से दूर ही रहता हूं, मैं क्या आजकल के सभी लोग अब सब से कट कर अकेले रहना पसंद करते है। अपने फ़ोन में घुसे रहते हैं। सोशल मीडिया में बिजी। बाहरी दुनिया से अलग थलग।
वेसे देखा जाए ये आपदा एक तरह से भगवान या फिर प्रकृति द्वारा हमे एक तरह की चेतावनी है कि हम किस तरह से प्रकृति का दोहन कर रहे है, उसे नष्ट कर रहे हैं। बेरोक टोक प्रदूषण फैल रहा है। जानवरो और समुद्री जीव का असीमित शिकार हो रहा है। पूरा इको सिस्टम बिगड़ गया है। अब उसे सही करने के लिए प्रकृति को खुद कुछ करना पड़ा।
कहते है प्रकृति दुनिया में बैलेंस बनाने के लिए ऐसे कदम उठाती रहती है। और इस सदी का वो समय आ गया है। इसलिए अगर हम अभी भी न समझे और न संभले तो प्रकृति के पास और भी प्लान हो सकते हैं हमारी अक्ल ठिकाने लगाने और ये समझाने को की इंसान अपने आप को सब से महान समझने की भूल न करे।
इसलिए सरकार और प्रशासन के आदेशों का पालन करे। घर पर रहे जरूरी हो तो तय समय पर घर के जरूरी सामान ले और इमरजेंसी में सरकार के दिये नंबर से संपर्क करें। सरकार हम सब के साथ है।
स्वस्थ रहे, सुरक्षित रहे। अपने खान पान पर ध्यान दे। अदरक का काढ़ा या फिर गिलोय का पानी पी कर अपने इम्यून सिस्टम (रोगों से लड़ने की शक्ति) को मजबूत करें।
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