कोरोना वायरस को रोकने के लिए सरकार द्वारा जनता कर्फ्यू और इसके बाद 21 दिन का लॉक डाउन लगाया है पर इसका कुछ जगह पर उल्टा असर हो रहा है। दूसरे राज्यों में काम करने वाले प्राइवेट जॉब/कंपनी वर्कर और मजदूर काम बंद होने और अपने मालिकों के उदासीन रवैये से वापस अपने अपने घरों को बड़ी संख्या में लौट रहे हैं।
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एक साथ इतनी भीड़ वायरस को फैलने का खतरा बढ़ा रही है पर लोगों की नादानी कहे या फिर मजबूरी, इस वायरस को अनदेखा कर वो पैदल ही निकल पड़े हैं। अब हर राज्यों की समस्या इनको वापस लाना और साथ ही कोरोना वायरस को रोकना है क्योंकि जाने अनजाने इनपर अगर वायरस का असर हुआ होगा और ये बिना किसी जांच के अपने अपने गाँव चले गए तो ये वायरस संक्रमण जो पूरे इलाके में फैलेगा तो वही होगा जिसकी कर कोई संभावना जाता रहा है और जो इटली, फ्रांस, ईरान, अमेरीका और बाकी देशों के साथ हो रहा है। ये वायरस बेकाबू हो जाएगा और भारत इसे रोकने में बाकी देशों को तरह लाचार हो जाएगा।
इनका घर आना गलत नही है पर गलत है जिस तरह से ये आ रहे हैं। अगर इनका सही से जांच करके इन्हें इनके घर भेज दिया जाए तो यही सभी के लिए सही होगा। क्योंकि ये सभी मजबूरी में ही वापस लौट रहे हैं। कुछ को मालिकों ने बिना पैसे दिए भाग दिया, किसी को मकान मालिकों ने बिना किराये के न रहने दिया, कोई बिना काम और बिना पैसों के है।
100 में से 80 लाचार है और 20 लोग है जो एक जगह नही राह सकते, बोर हो रहे है तो अपने घर जाना चाहते हैं। और ये भीड़ देख के वो भी साथ हो लिए।
बस यही भीड़ बस इनके घर और गांव के लिए खतरा न बने बाकी इन्हें अगर सुरक्षित ढंग से घर पहुंचाया गया तो इस से सभी को खुशी होगी।
अब सभी राज्य सरकारें इन्हें वापस घर तक पहुंचने में मदद कर रही है जो अच्छी बात है अगर इन्हें सही से जांच के बाद घर भेज जाए।
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एक साथ इतनी भीड़ वायरस को फैलने का खतरा बढ़ा रही है पर लोगों की नादानी कहे या फिर मजबूरी, इस वायरस को अनदेखा कर वो पैदल ही निकल पड़े हैं। अब हर राज्यों की समस्या इनको वापस लाना और साथ ही कोरोना वायरस को रोकना है क्योंकि जाने अनजाने इनपर अगर वायरस का असर हुआ होगा और ये बिना किसी जांच के अपने अपने गाँव चले गए तो ये वायरस संक्रमण जो पूरे इलाके में फैलेगा तो वही होगा जिसकी कर कोई संभावना जाता रहा है और जो इटली, फ्रांस, ईरान, अमेरीका और बाकी देशों के साथ हो रहा है। ये वायरस बेकाबू हो जाएगा और भारत इसे रोकने में बाकी देशों को तरह लाचार हो जाएगा।
Delhi: Migrant workers in very large numbers at Delhi's Anand Vihar bus terminal, to board buses to their respective home towns and villages. They have walked to the bus terminal on foot from different parts of the city. pic.twitter.com/IeToP3hX7H— ANI (@ANI) March 28, 2020
इनका घर आना गलत नही है पर गलत है जिस तरह से ये आ रहे हैं। अगर इनका सही से जांच करके इन्हें इनके घर भेज दिया जाए तो यही सभी के लिए सही होगा। क्योंकि ये सभी मजबूरी में ही वापस लौट रहे हैं। कुछ को मालिकों ने बिना पैसे दिए भाग दिया, किसी को मकान मालिकों ने बिना किराये के न रहने दिया, कोई बिना काम और बिना पैसों के है।
100 में से 80 लाचार है और 20 लोग है जो एक जगह नही राह सकते, बोर हो रहे है तो अपने घर जाना चाहते हैं। और ये भीड़ देख के वो भी साथ हो लिए।
बस यही भीड़ बस इनके घर और गांव के लिए खतरा न बने बाकी इन्हें अगर सुरक्षित ढंग से घर पहुंचाया गया तो इस से सभी को खुशी होगी।
अब सभी राज्य सरकारें इन्हें वापस घर तक पहुंचने में मदद कर रही है जो अच्छी बात है अगर इन्हें सही से जांच के बाद घर भेज जाए।
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